Rumored Buzz on Shodashi

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श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१॥

ऐं क्लीं सौः श्री बाला त्रिपुर सुंदरी महादेव्यै सौः क्लीं ऐं स्वाहा ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं ॐ ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं

हस्ते पङ्केरुहाभे सरससरसिजं बिभ्रती लोकमाता

The Chandi Route, an integral Element of worship and spiritual exercise, In particular during Navaratri, will not be simply a textual content but a journey in itself. Its recitation is a strong tool while in the seeker's arsenal, aiding within the navigation from ignorance to enlightenment.

On going for walks in direction of her ancient sanctum and approaching Shodashi as Kamakshi Devi, her power increases in depth. Her templed is entered by descending down a dark slim staircase with a crowd of other pilgrims into her cave-llike abode. There are various uneven and irregular measures. The subterranean vault is incredibly hot and humid and still there is a sensation of basic safety and and protection while in the read more dim light-weight.

अष्टारे पुर-सिद्धया विलसितं रोग-प्रणाशे शुभे

हव्यैः कव्यैश्च सर्वैः श्रुतिचयविहितैः कर्मभिः कर्मशीला

लक्ष्या मूलत्रिकोणे गुरुवरकरुणालेशतः कामपीठे

Her story consists of famous battles versus evil forces, emphasizing the triumph of excellent more than evil plus the spiritual journey from ignorance to enlightenment.

वृत्तत्रयं च धरणी सदनत्रयं च श्री चक्रमेत दुदितं पर देवताया: ।।

करोड़ों सूर्य ग्रहण तुल्य फलदायक अर्धोदय योग क्या है ?

The worship of Tripura Sundari is a journey in the direction of self-realization, the place her divine natural beauty serves as a beacon, guiding devotees to the ultimate reality.

कर्तुं देवि ! जगद्-विलास-विधिना सृष्टेन ते मायया

यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।

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